कामधेनु शिक्षण संस्थान
एक परिचय
आदरणीय अभिभावक वृन्द एवं प्रिय विद्यार्थियों,
सादर वन्दे् !
आज के वर्तमान युग में पाश्चात्य (पष्चिमी) संस्कृति की चकाचौंध, घटते संस्कारों एवं ओझल होती मानवीयता को देखकर गो माता,भगवद् कृपा एवं आपके आशीर्वाद से कामधेनु
एज्युकेशन सोसायटी की टीम ने संकल्प लिया कि वर्तमान युवा पीढी, राष्ट्रभक्त, समाज सुधारक, संस्कारित, आज्ञावान, कर्त्तव्यनिष्ठ एवं स्वावलम्बी IAS,IPS,RAS प्रोफेसर, डॉक्टर, इंजीनियर,शिक्षक व राष्ट्र के सजग प्रहरी सैनिक के रूप में तैयार होकर परिवार, समाज एवं राष्ट्र उत्थान में अपना सहयोग करें और एक सुद्ढ़ शक्तिशाली अखण्ड भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हो। इस दिशा में समुद्र सेतु निर्माण में गिलहरी के योगदन स्वरूप हमारे प्रयास में आपका सहयोग सादर प्रार्थनीय है।
हमारी संस्कृति और पौराणिक ग्रंथों में शिक्षा का महत्व व्यापक एवं अर्थपूर्ण रखा है। हमारे यहां शिक्षा जीवन से सम्बन्धित रखी है और उसे व्यक्ति को सभ्य तथा उन्नत बनाने में सहायक माना गया है। विद्या के अभाव में व्यक्ति केवल पशु मात्र ही रह जाता है। हमारे यहां धर्म के अतिरिक्त चरित्र निर्माण, सर्वांगीण विकास, अपने कर्तव्यों का ज्ञान, स्वयं के कौशल के साथ समाज की उन्नति, राष्ट्र एवं संस्कृति की रक्षा आदि शिक्षा का उद्धेश्य रहा है।
समय के साथ शिक्षा के उद्धेश्यों में कई नई बातें जुड़ी तो कई बातों को भूला दिया गया। जिस वैदिक संस्कृति और गुरूकुल परम्परा में बालक के सर्वांगीण विकास पर बल दिया जाता रहा उसे आज भूला दिया गया है, केवल सुविधाओं के नाम को सर्वांगीण विकास कहा जाने लगा है। समाज की इन्हीं परिस्थितियों का अध्ययन कर कामधेनु शिक्षण संस्थान ने पिछले 6 वर्षों (12 जून,2014) से शिक्षा के माध्यम से बालक-बालिकाओं के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन कर उन्हें समाज के योग्य नागरिक बनाने का बीड़ा उठा रखा है।
जब समाज में किसी नये कार्य या आयाम की शुरूआत होती है तो उसकी प्रेरणा में आस्था होती है। इसी प्रकार जब से कामधेनु शिक्षण संस्थान के रूप में शिक्षा भागीरथी ने अपनी यात्रा शुरू की तो इन सभी के पीछे अपने तन में 33 करोड़/कोटि देवताओं को धारण करने वाली पूज्य गोमाता जी(कामधेनु मैया) की प्रेरणा व आस्था थी।
यह गोमाता के आशीर्वाद का परिणाम ही है कि आज इतने अल्प समय की यात्रा में ही कामधेनु परिवार पूरे राजस्थान में संस्कारित बालकों के वैज्ञानिक, बौद्धिक, शारीरिक अर्थात् सर्वागीण विकास के क्षेत्र में तथा हर वर्ष मेरिट में बाजी मारने में अपना एक महत्वपूर्ण मुकाम बनाया है।
संतजनों, प्रबुद्धजनों, अभिभावकों व विद्यार्थियों के अटूट विश्वास से ही, 12 जून 2014 को पल्लवित पौधा, वटवृक्ष बनने की ओर है, आपके इस आशीर्वाद, स्नेह व विश्वास के आगे कामधेनु शिक्षा परिवार कोटि से नतमस्तक होकर दण्डवत वन्दन करता हैं।
हमें लगता है कामधेनु और विद्या एक दूसरे के पर्याय है, कहा भी गया है –
प्रियः प्रदुग्धे विपदो रूणाद्धि यषांसि सूते मलिनं प्रयाति:
संस्कार शौचेन परं पुनीते षुद्धा हि वृद्धिः किल कामधेनुः।।
अर्थात विद्या सचमुच कामधेनु है क्योंकि वह संपति को दोहती है, विपती को रोकती है, यश दिलाती है, गरीबी धो देती है और संस्कार रूप पावित्र्य द्वारा अन्य को पावन करती है।
कामधेनु परिवार राष्ट्र के लिये आदर्श बलशाली, चरित्रवान, संस्कारी और मेधावी नागरिक के रूप में अपने बालक-बालिकाओं को तैयार करता है। हमारा सामाजिक सरोकार भी किसी से छिपा नहीं है। समाज में कोई महत्वपूर्ण आयोजन रहा हो या संकट, धार्मिक,सामाजिक आयोजन रहा हो, हमने सदा अपनी उपस्थिति इन अवसरों पर दर्ज की है। जैसे –
गोसेवा – सत्र 2017 में एक लाख, सत्र 2018 में दो लाख, सत्र 2019 में पांच लाख, सत्र 2020 में छःलाख एक हजार मकर संक्रांति के अवसर पर गो सेवार्थ सहयोग।
जल सेवा – श्री हरिराम बाबा झोरड़ा मेला, खेलकूद-प्रतियोगिता, प्याऊ निर्माण व विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में सहयोग।
धार्मिक कार्यक्रमों – सार्वजनिक स्थानों पर सुन्दर काण्ड, भागवत कथा व गो कथा में सहयोग।
गरीब मेधावी छात्रों का छात्रवृति के माध्यम से विद्यालय एवं उच्च अध्ययन हेतु आर्थिक सहयोग।
परिणाम की द्ष्टि से प्रतिवर्ष बोर्ड कक्षाओं में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि होती है तथा गुणवत्तापूर्ण सर्वोत्कृष्ट परीक्षा परिणाम देने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
राजकीय सेवा में कार्यरत यहां के अनेकों विद्यार्थी भारतीय वायुसेना, थल सेना व जल सेना के साथ आईआईटी एमबीबीएस आदि कर विद्यालय व परिवार का नाम रोशन कर रहे है तथा उत्थान में अपना सहयोग दे रहें हैं।
– कक्षा 6 से ही विद्यालय के बच्चों को सांइस फाउण्डेशन करवाया जाता है। इसमें बच्चों को रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान व भौतिक विज्ञान के प्रयोग करके दिखाये जाते है। बच्चों को दैनिक जीवन में काम आने वाले रासायनिक पदार्थों के नाम व सूत्र, मानव अगों, पादप अगों के वानस्पतिक नाम याद करवाये जाते हैं।
– शिक्षा के क्षेत्र के विभिन्न उच्च पदों पर कार्यरत विद्वानों द्वारा नियमित मार्गदर्शन व निर्देशन।
– बोर्ड कक्षाओं के लिए डीटीएस, माईनर व मेजर टेस्ट व प्री बोर्ड के साथ प्रति दिन पीएससी की व्यवस्था जिसमें विद्यालय के स्टाफ का तो मार्गदर्शन मिलता ही है तथा अन्य विषय के विशेषज्ञों द्वारा छात्रों का मार्गदर्शन।
– फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलोजी व एग्रीकल्चर के प्रेक्टिकल की सम्पूर्ण सुविधा ।
-एयरफोर्स से सेवानिवृत विंग कमाण्डर पीएम बेनीवाल के मार्गदर्शन में डिफेन्स की सम्पूर्ण तैयारी ।
पश्चमी राजस्थान का अति उतम छात्रावास ।
¬ शहर से दूर शान्त एवं स्वच्छ प्राकृतिक वातावरण में स्थित।
¬ घर से दूर घर जैसा आत्मीय व्यवहार।
¬ शुद्ध शाकाहारी एवं पौष्टिक भोजन की सुविधा।
¬ अल्पाहार, फलाहार तथा दुग्धपान की उचित व्यवस्था।
¬ सुव्यवस्थित आदर्श दिनचर्या।
¬ वातानुकूलित भवन।
¬ सायंकालीन उचित खेल की व्यवस्था।
¬ सुव्यवस्थित उचित मार्गदर्शन के साथ स्वाध्याय की व्यवस्था।
¬ अतिरिक्त कक्षाओं की समुचित व्यवस्था।
¬ संस्कार, सभ्यता एवं संस्कृति की अनुपालना हेतु समय-समय पर
धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन एवं प्रबुद्धजनों का मार्गदर्शन।
– रात्रिकालिन स्टडी केम्पस के माध्यम से स्वयं के निर्देशन में मनोवैज्ञानिक पद्धति से प्रभावी स्वाध्याय।
– भविष्य में कॉलेज शिक्षण, प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी की सुविधा प्रारम्भ की योजना जिसमें आप सभी का आशीर्वाद, स्नेह व सहयोग हेतु प्रार्थना।
सधन्यवाद्।