श्रद्धेय अभिभावकों एवं स्नेही विद्यार्थियों,
शिक्षा एक चेतनाभूत नियंत्रित गत्यात्मक सतत् प्रक्रिया है। शिक्षा का उद्धेश्य मनुष्य को जीवन व्यवहार सीखाकर जीवन संघर्ष के लिए तैयार करना है। शिक्षा आँख (अन्तदृष्टि) व पांख (क्षमता) देती है जो जीवन और जीविकोपार्जन में काम आते हैं। कामधेनु एकेडमी द्वारा जीवन एवं जीविका दोनों की शिक्षा दी जाती है। हमारा उद्धेश्य संस्कारवान एवं व्यावसायिक दृष्टि से कुशल उच्च कोटि के विद्यार्थी तैयार करना है। हम विद्यार्थी के सपनों को साकार स्वरूप प्रदान करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। सपना वही नहीं है जो नींद में आए बल्कि वह है जिसे प्राप्त करने के लिए नींद न आए। ऋग्वेद की एक ऋचा है जिसका भावार्थ यह है ‘‘प्रतिभा के साथ जब शुभ निष्ठा व लगन का मणिकांचन संयोग हो जाता है तो व्यक्ति के गुण कस्तुरी की सुगंध में महकने लगते हैं। हमारा उद्धेश्य प्रतिभाओं को तलाशना एवं तराशना है। यहां एक बात का उल्लेख मैं विशेष रूप से करना चाहूंगा कि संस्थान का अनुशासन एवं समय सारिणी का विद्यार्थी को कठोरता से पालना करना होगा। छैनी-हथौड़ों की मार सहकर अनगढ़ पत्थर जब मूर्ति बन जाता है तो लोग उसको पूजते हैं। हम भी अनगढ़ पत्थरों की मूर्ति बनाने का काम करते हैं। इस प्रक्रिया में छैनी-हथौड़ों की मार तो सहनी पड़ेगी ही।