Director - Daulat Ram Saran - Kamdhenu Vidya Mandir

श्रद्धेय अभिभावकों एवं स्नेही विद्यार्थियों,

शिक्षा एक चेतनाभूत नियंत्रित गत्यात्मक सतत् प्रक्रिया है। शिक्षा का उद्धेश्य मनुष्य को जीवन व्यवहार सीखाकर जीवन संघर्ष के लिए तैयार करना है। शिक्षा आँख (अन्तदृष्टि) व पांख (क्षमता) देती है जो जीवन और जीविकोपार्जन में काम आते हैं। कामधेनु एकेडमी द्वारा जीवन एवं जीविका दोनों की शिक्षा दी जाती है। हमारा उद्धेश्य संस्कारवान एवं व्यावसायिक दृष्टि से कुशल उच्च कोटि के विद्यार्थी तैयार करना है। हम विद्यार्थी के सपनों को साकार स्वरूप प्रदान करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। सपना वही नहीं है जो नींद में आए बल्कि वह है जिसे प्राप्त करने के लिए नींद न आए। ऋग्वेद की एक ऋचा है जिसका भावार्थ यह है ‘‘प्रतिभा के साथ जब शुभ निष्ठा व लगन का मणिकांचन संयोग हो जाता है तो व्यक्ति के गुण कस्तुरी की सुगंध में महकने लगते हैं। हमारा उद्धेश्य प्रतिभाओं को तलाशना एवं तराशना है। यहां एक बात का उल्लेख मैं विशेष रूप से करना चाहूंगा कि संस्थान का अनुशासन एवं समय सारिणी का विद्यार्थी को कठोरता से पालना करना होगा। छैनी-हथौड़ों की मार सहकर अनगढ़ पत्थर जब मूर्ति बन जाता है तो लोग उसको पूजते हैं। हम भी अनगढ़ पत्थरों की मूर्ति बनाने का काम करते हैं। इस प्रक्रिया में छैनी-हथौड़ों की मार तो सहनी पड़ेगी ही।

  आज के समय को देखते हुए हर अभिभावक यह चाहते है कि उनका सुपुत्र डाॅक्टर, इन्जिनियर या प्रशासनिक अधिकारी बने। और माता-पिता बड़ी उम्मीदों व अरमानों के साथ ऐसे बच्चों को भी कोचिंग संस्थानों में भेज देते है, जिसमें उनकी रूची ही नहीं है। यदि आपका सुपुत्र इस योग्य है तो उसे डाॅक्टर या इन्जिनियर अवश्य बनाईये अन्यथा उसके लिए 12वीं पास करने के तुरन्त बाद लाखों का धन व चार-पांच वर्ष का समय बर्बाद करने की बजाय, इससे सौ गुणा बेहतर है कि अच्छे प्रतिशत वाले विद्यार्थी (एयरफोर्स, नेवी, आर्मी, NDA) की तैयारी करके सरकारी नौकरी में अपना सलेक्शन सुनिश्चित कर सकता है।

अभिभावकों के स्नेहिल सहयोग तथा प्रतियोगियों से अपेक्षित लगन, अनुशासन व निष्ठा की अपेक्षा रखते हुए आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ।

Mr. Daulat Ram Saran
Director